उत्तर प्रदेश, आगरा : चंबल नदी में तेज बहाव के चलते सैकड़ों की संख्या में मरीं बड़ी मछलियां

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आगरा 26 अगस्त 2020

 

पिनाहट चंबल नदी एक बार फिर अपना रौद्र रूप दिखाने के लिए बेताब है। मंगलवार सुबह चंबल नदी में कोटा बैराज से  3 लाख 90 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। वहीं इस पानी के बाह क्षेत्र में बुधवार तक आने की संभावना जताई जा रही है। खादरों के रास्ते चंबल नदी में आई बाढ़ का पानी बीहड़ के रास्तों में भर गया है, जिससे ग्रामीण अपने खेतों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। वहीं प्रशासन ने चंबल नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर की निगरानी के लिए 8 बाढ चौकियां स्थापित कर दी हैं और बाढ़ चौकियों पर निगरानी के लिए कानूनगो, लेखपाल व सचिवों की ड्यूटी लगाई गयी है। वहीं मंगलवार को चंबल नदी में आए तेज बहाव के चलते सैकड़ों की संख्या में बड़ी-बड़ी मछलियां मर गईं। वहीं चंबल नदी में लगातार बढ़ रहे जल स्तर को देखते हुए प्रशासनिक अधिकारियों ने चंबल नदी के किनारे के गांव के ग्रामीणों को चंबल नदी पर न जाने की हिदायत दी है। चंबल नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर की जल स्तर की निगरानी के लिए प्रशासनिक अधिकारी लगातार दौरे कर रहे हैं।

चंबल नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए तहसीलदार बाह हेमचंद शर्मा ने पिनाहट घाट का निरीक्षण किया। तहसीलदार बाह हेम चंद शर्मा ने बताया कि अधीनस्थों को निर्देश दिए हैं कि ग्रामीणों को चंबल नदी पर न जाने दें। चंबल नदी पर लगातार बढ़ रहे जलस्तर की निगरानी के लिए आठ बाढ़ चौकियां भी बनाई गई हैं।

बाढ़ चौकियों पर लेखपाल, कानूनगो व सचिवों को ड्यूटी लगायी गयी है। चंबल नदी 124 मीटर पर बह रही है। कोटा बैराज से मंगलवार सुबह 3 लाख 90 हजार क्यूसेक पानी छोडा गया है, जो गुरुवार सुबह तक बाह में पहुंचेगा।

सैकड़ों की संख्या में मरीं मछलियां। 

चम्बल नदी में लगातार रहे बढ़ रहे जलस्तर के चलते सैकड़ों की संख्या में नदी के किनारे मछलियां मर गई हैं। मरी हुई मछलियों से दुर्गंध आने लगी है। ग्रामीणों ने मरी मछलियों को वहां से हटवाए जाने की मांग की है।

दूसरे दिन भी नहीं चला स्टीमर, आवागमन ठप। 

पिनाहट। चंबल नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए मध्य प्रदेश की पुलिस ने पिनाहट घाट पर सोमवार को चंबल नदी पर स्ट्रीमर का संचालन पूर्व से बंद करा दिया है। चंबल नदी में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। चंबल नदी अपना रौद्र रूप दिखा रही है।

चपेट में आए गावों की बाढ़ चौकियों से हो रही निगरानी।

पिनाहट। चंबल नदी में आयी बाढ़ से चंबल नदी के किनारे के रेहा, बरेन्डा, कछियारा, क्यौरी बीच का पुरा, उमरैठा पुरा, झरना पुरा, गुर्जा शिव लाल, भगवान पुरा, रानीपुरा,  भटपुरा, गुढ़ा, गोहरा सहित करीब 36 गांवों को अपनी चपेट ने ले लिया है। इन गावों के संपर्क मार्गों में बाढ़ का पानी भर गया है।

कोटा बैराज से छोड़ा गया 3 लाख 90 हजार क्यूसेक पानी।

पिनाहट। कोटा बैराज से चंबल नदी में 3 लाख 90 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। कोटा बैराज से चंबल नदी में छोड़े गए पानी का रौद्र रूप गुरुवार सुबह देखने को मिलेगा। सोमवार सुबह कोटा बैराज से छोड़ा गया 3 लाख 90 हजार क्यूसेक पानी बाह तहसील में 48 घंटे के अंतराल में पहुंच जाएगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि चंबल नदी एक बार फिर खतरे के निशान को पार कर जाएगी।

चंबल नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए टीलों पर पहुंचे ग्रामीण।

चंबल नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए चंबल नदी के किनारे के गांवों के ग्रामीणों ने अपने पशुओं के साथ अभी से ऊंचे टीलों पर जाना शुरू कर दिया है। वहीं प्रशासनिक अधिकारियों ने गांव में मुनादी कराना शुरू कर दिया है।  प्रशासनिक अधिकारियों ने गांव मुनादी कर ग्रामीणों को चंबल नदी के किनारे न जाने की हिदायत दी है।

प्रति घंटा 3 फुट की रफ्तार से बढ़ रहा जलस्तर। 

मंगलवार को चंबल नदी का जलस्तर प्रति घंटा 3 फुट की रफ्तार से बढ़ता रहा। मंगलवार सुबह चंबल नदी का जलस्तर 124 मीटर पर पहुंच गया।

चंबल नदी में बढ़ रहे जलस्तर की निगरानी को 8 बाढ़ चौकियां स्थापित।

चंबल नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए बाह प्रशासनिक अधिकारियों ने मनसुखपुरा, पिनाहट, उमरैठा, बासोनी, पुरा भगवान सिमराई खेड़ा राठौर व नदगवां सहित कुल आठ बाढ़ चौकियां स्थापित कर दी हैं और लेखपालों को अपने-अपने क्षेत्रों में रहने के निर्देश दे दिए हैं। ग्रामीणों को चंबल नदी के किनारे  जाने की हिदायत दी गई है।

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