2 अप्रैल शुक्रवार को मनाया जाएगा बास्योड़ा

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  • Jeevan Mantra

प्रस्तुति मानस गर्ग

शीतलाष्टमी - बास्योड़ा

इस वर्ष 02 अप्रैल 2021 वार शुक्रवार को मनाया जाएगा।

शास्त्रीय मत एवं लोक मान्यता अनुसार होली के बाद उग्र वारों ( रविवार, मंगलवार, शनिवार ) को छोड़कर सौम्य वार ( सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार ) को ही शीतलाष्टमी मनायी जानी चाहिए।

इस वर्ष 03 अप्रैल सप्तमी को शनिवार और 04 अप्रैल अष्टमी को रविवार है। दोनों ही दिन उग्र वार आने से शीतलाष्टमी पर्व 02 अप्रैल शुक्रवार (सौम्य वार) को मनाया जाना शास्त्र सम्मत है।

चौथे, पाँचवे, छठे दिन सौम्य वार को बास्योड़ा मना जा सकता है। परिवार में कोई आपदा आन पड़े तो बाद में आने वाले सोमवार 5 अप्रैल को भी मना सकते हैं।

"अष्टमी तिथि" शब्द रूढ़ है।"

शुक्रवार से पहले गुरुवार के दिन सायं राँधा-पूआ ( मीठा भात, मीठा बाजरा, राबड़ी, हलवा, गुलगुला-पुआ, पकोड़ी, पूड़ी आदि ) बनावें। दूसरे दिन सुबह दश मिट्टी के कुंडारे - सराई में सब पकवान रख हल्दी से तिलक व पूजा अर्चना करें। माता के मन्दिर में जाकर प्रसाद चढ़ावें और शीतल जल से सींचें। जाए-ब्याहे पर दस कंडवारे अलग से चढ़ावें।

रोग दोष, दुःख दारिद्र्य से परिवार की रक्षा करने, स्वस्थ सुखी समृद्ध जीवन निर्वहन करने, वंश वृद्धि वंश संरक्षण हेतु शीतला माता की  हर घर में  शीतल पकवानों से पारिवारिक परम्परानुसार पूजा अर्चना करनी चाहिए। बास्योड़ा के दिन सब ठण्डा भोजन करें।

इस दिन माताएँ सिलाई ना करें, सिर ना धोएँ और घर में कोई क्रोध भी ना करें।

शीतला पूजन में भद्रा आदि का कोई दोष नहीं होता है।

प्रार्थना मन्त्र..

          नमामि  शीतलां  देवीं,

          रासभस्थां दिगम्बराम्।

          मार्जनी - कलशोपेतां,

          शूर्पालङ्कृत मस्तकाम्।।

 

                      पं.कौशल दत्त शर्मा

                             नीम का थाना

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