सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने दिया ऑनलाइन संदेश

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जन्म मरण के बीच का जीवन मुक्ति का हकदार बने

निरंकारी भक्तों ने मुक्ति पर्व पर ब्रह्मलीन संतों को किया याद।

 

किशोर इशरानी

मथुरा 16 अगस्त 2020

 

निरंकारी मिशन का मुक्ति पर्व सत्संग इस बार ओनलाइन आयोजित किया गया, जिसमें देश-विदेश के निरंकारी भक्तों ने बाबा अवतार सिंह जी महाराज के साथ ही समस्त ब्रह्मलीन संतों को याद करते हुए अपने अनुभव शेयर किए।

 

निरंकारी प्रतिनिधि किशोर स्वर्ण ने बताया कि मुक्ति पर्व पर संत निरंकारी मिशन के पूर्व मार्गदर्शक बाबा बूटासिंह जी की सत्य के प्रति लगन, युगपुरुष बाबा अवतार सिंह जी के तप-त्याग, जगतमाता बुद्धवंती जी के सेवाभाव, बाबा गुरबचन सिंह जी की दृढ़ता, राजमाता कुलवन्त जी की मर्यादित अनन्य भक्ति, बाबा हरदेव सिंह जी के प्रेममय संदेश तथा माता सविन्दर जी के आदर्श तथा सभी ब्रह्मलीन संतों के समर्पण को याद किया जाता है, जिन्होंने जहा स्वयं मुक्ति पद को पाया, वहीं लाखो भटकी रूहों को भी ब्रह्मज्ञान प्रदान कर, अंधविश्वास तथा अज्ञानता के बन्धनों से मुक्त किया और आवागमन के चक्रव्यूह से मुक्ति प्रदान की। 

 

ओनलाइन "मुक्ति पर्व" सत्संग में विश्व की 2700 से अधिक ब्रांचों के साथ ही मथुरा के जोनल इंचार्ज हरविंद्र कुमार के आह्वान पर सैंकड़ों ब्रजवासी भक्त भी जुड़े रहे। सभी ने सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के आशीर्वचन का लाभ भी प्राप्त किया।

 

सद्गुरु माता सुदीक्षा जी ने कहाकि निरंकारी मिशन का लक्ष्य हर मानव को ब्रह्मज्ञान प्रदान करना है, क्योंकि ब्रह्मज्ञान से ही मुक्ति सम्भव है। रूह जब ब्रह्मज्ञान के बाद अपनी पहचान कर लेती है तो वह जनम-मरण के बंधन से बच जाती है।

 

माता सुदीक्षा जी महाराज ने हरदेव वाणी सुनाते हुए कहा कि जनम मरण के बीच का जीवन मुक्ति का हकदार बने, भक्ति से भरपूर हो उसका भक्ति ही श्रृंगार बने, इसके लिए ब्रह्मज्ञान प्राप्त कर जीते जी मुक्ति को पा लें, क्योंकि ब्रह्मज्ञान मिल गया तो यह निश्चित ही है कि हमारी मुक्ति जरूर होगी। इसलिए जनम से लेकर मरण तक की जीवन यात्रा स्वयं की पहचान करते हुए निराकार प्रभु से जुड़े रहकर अभिमान रहित जिए।

 

उन्होंने कहा कि जीवन ऐसा हो कि हमारा हर कार्य भक्ति हो जाए। एक ब्रह्मज्ञानी होने के नाते हमारा कर्तव्य है कि संसार के लिए हम हमेशा तैयार हो और हमारे मन के भाव एक आंसू पोछने वाले हो, वहीं एक जिम्मेदारी यह भी है कि हम परफेक्ट इंसान बने, तभी हम इस मुक्ति के हकदार बनते हैं।

 

मथुरा के जोनल इंचार्ज हरविंद्र कुमार ने कहा कि आवागमन से छुटकारा केवल सद्गुरु ही दिला सकता हैं। बिना सद्गुरु के मुक्ति सम्भव नहीं है। सद्गुरु ही ब्रह्मज्ञान प्रदान करता है, जिससे जीते जी मुक्ति मिल जाती है।

 

-किशोर स्वर्ण 8218900881

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